नीलाक्षी बरामदे में बैठी गौरैया की कटोरी में पानी डाल रही थी।डालते डालते उसे अपना बचपन याद आ गया। जब से दादी उनके संग रहने आई थी वो सार…
Read more »आज कई दिनों से सेठ की तबियत बिगड़ी थी। वह सेठ नहीं था, उसका नाम सेठ था। गाँव के डाक्टर ने जो उसके पास था, ऐंठा फिर जवाब दे दिया। …
Read more »आओ बातें करें दुनिया एक रंगमंच है | सभी को अपने - अपने हिस्से की भूमिका अदा करनी होती है | फिर लौट जाना होत…
Read more »भावनाओं का अथाह सागर,विचारों की अभिव्यक्ति, जीवन जीने की कला सिखाता प्रेम वह रस है जिसमें असीम आनंद की गंगा प्रवाहित होती है, जिसमें डूबकर…
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