कोयल कूके बदरा छाए बोले मोर पपीहा.. सर्दी बीती गरमी बीती बीता बारिश का महीना ऐसे में कब आओगे स्वामी बार बार बस पूछे मेरा मनवा .. एक दिन…
Read more »न पहले जैसे लोग न पहले जैसी बातें न पहले जैसा दिन न पहले जैसी रातें न पहले जैसा खेल न पहले जैसी डांटे अब वो जिंदगी कहां है? तारों को देखकर चा…
Read more »पिछले कुछ दिनों से रवि को परेशान देख श्रुति को बड़ी चिंता हो रही थी। वह रोज देख रही थी कि मोबाईल पर एक कॉल आते ही रवि उठ कर एकांत म…
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