उसी कमरे के श्याम पट पर लिखता हुआ तुमको मिल जाऊंगा रोज़ । जिस कमरे में वर्षों पू…
Read more »ना जाने कौन सा समय प्रेम की सौगात बन जाए ना जाने कौन सा समय नफरत का बीज बो जाए.. ना जाने कौन सा समय …
Read more »एक दिन मां से चांद यूं बोला मैं क्यों दिन में न जाऊं बता दो मुझको माई..... सुबह सवेरे सूरज जाए कलियों को वह हरषाए बता दो मुझको माई.... …
Read more »पानी किसी की नहीं सुनता वह किसी की व्यथा नहीं देखता वह सिर्फ बहता है बहते-बहते चला जाता है वहाँ तक जहाँ हम सोच नहीं सकते हैं वह उम्…
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