तू औरत है ये भूलना मत अपनी इच्छाओं की पिटारी कभी खोलना मत । तू माँ बनकर लुटा स्नेह अपार बहिन बनकर दे भैया को प्यार स्वयं के लिए …
Read more »बहुत से ख्वाब पलकों में, हमने बरसों संजोए रखा है। होते देख कामयाब औरों को, आंखों से मेरे,झलक जाता हैं।। हमने उम्मीदों के चिरागों को आ…
Read more »लगा के पंख उम्मीदों के नीले गगन को छूना चाहती हूँ। ईश्वर की बनाई इस सृष्टि के हर रूप से रुबरु होना चाहती हूँ। रह कर बंद मर्यादा के पिंज…
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