इक लक्ष्य दिखाकर न दिखा यार अभी तक मैं देख रहा राह लगातार अभी तक हम रोज़ मिले रोज़ मिले और गले भी अफ़सोस कि पैदा न हुआ प्यार अभी तक …
Read more »यादें बचपन की होती अमूल्य निधि जीवन की माँ के अंक के आगे सभी गणितीय अंक फीके अंगुली पकड़ के चले तुतलाकर बोलना सीखे कपड़ों की ना सुध …
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