छुटपन में आता न था खाना न ही चलना और बैठना पैदा हुए तो एहसास न था जीने का आगाज न था तूने ही संभाला था तूने ही संवारा था बड़े होने की व्यथ…
Read more »आशा से आकाश है,आशा में आलोक। आशाएँ करतीं सदा,पराभूत हर शोक।। आशाएँ हों बलवती,तो जीवन भरपूर। आशाओं से हर खुशी,जीवन में हो नूर।। डरकर…
Read more »ये जीवन एक गीत है... कभी आँख के कोरों से बहते अश्रुधार, कभी अधरों पे सजे मीठी मुस्कान है! सुख- दुख के सुरों से सजी, एक मधुर संगीत है... …
Read more »आप की बेरुखी पर हम अपनी जान छीड़कते हैं। यह क्या कम है कि हम आप पर मरते हैं। आप को देख कर हम आहें भरते हैं। यह क्या कम है कि ह…
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