बेटी होती एक गुड़िया सी, सब पर प्यार लुटाती है, सारी दुनिया के गुलशन को, बेटी ही महकाती है । परियों सी होती है बेटी, मुस्काती, इठलाती…
Read more »उम्मीद !चिर काल से. सालों साल घिस रही है नारी न थकती है न हारती है न घबराती है बस निभाती है परम्पराओं को और से और बेहतर तरीक़े आजमाती …
Read more »ऐ खुदा मेरी दुवाओं में असर कर दे। ईट पत्थर के इस मकां घर कर दे। जिनको कत्ल करना है मेरा उनके हाथों में अब खंजर धर दे। बुढ़ापे में…
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