निराशा ने जन को घेरा छाया चारों ओर अंधेरा इक दिन बादल छंट जाएंगे गीत खुशी के गाएंगे माना चारों ओर कुहासा …
Read more »प्रथम मिले हम दोनों के नयन, प्रणय-संबंध तेरा-मेरा अर्वाचीन। प्रेम यह जन हेतु रहा मनभावन, धरा के प्रेमी जोड़ों का चिर प्रेरण। नवोढ़ाओ…
Read more »प्रेम के बिना सब कुछ व्यर्थ ही तो है , फिर प्रेम के नाम पर इतनी नफ़रत क्यों प्रेम ही जीवन है प्रेम ही संसार है फिर प्रेम से इतना परहेज क्यों …
Read more »
Social Plugin