जब से तुम मशहूर हो गए हो तब से तुम मगरूर हो गए हो बोल देते हो सच भरी महफिल में क्यों इस कदर बे शऊर हो गए हो लोगों दिमाग मे च…
Read more »यादों में बीत गया पूरा साल तो रुप बदल क्यूँ सामने आ गया कल को काल में समाहित कर उद्द्भव का नया आज आ गया सूरज क्यूँ अपनी चांद छिपाकर …
Read more »आजादी से आजादी तो बस वहसी दरिंदो ने ही पायी है जिसकी कीमत भरें बाजारों चौराहो में नारी ने चुकायी है तानों के बाणों को बचपन से बूढ़ी होने…
Read more »हे ! मातृभूमि शत बार है तुमको नमन हर बार है। हम वीर सदा बलिदानीं हैं तुमसे पहचान हमारी है।। पीछे न हटें बढ़ते जाएँ चट्टानों …
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