मुझे पढ़ी जिसने इस जग में , जीवन तिमिर मिटाया है। नन्हें बालक हो या बूढ़े , ज्ञान –अमृत को पाया है।। अक्षर अक्षर शब्द बने हैं , मंद बुद्धि खु…
Read more »विराम लगा दो ; ज़िन्दगी की बेतहाशा दौड़ती रफ़्तार पर , कि जमानेभर से राहत नहीं है , इस मुख़्तसर ज़िन्दगी को। राहत के पल ढूँढ़ती ज़िन्दगी , …
Read more »मुझको जान से प्यारी मेरी भारत भूमि , ऋषि मुनियों , संतो तपस्वियों की तपोभूमि| है …
Read more »सत्य का तेज है सूर्य समान , इसकी तपिश के आगे... झूठ का बादल कहाँ टिक पाता है? करे लाख कोशिश अपने बचाव में... पर अंततः जल ही जाता है! …
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