रवि आने से पहले नभ , आभा मंडित हो जाता। अरुणिता गगन में छाती , खग कलरव मन को भाता।। तन आनन्दित हो जाता , नूतन विच…
Read more »मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहकर वह कितने ही लोगों से मिलता है और बहुत से लोगों से बिछड़ता भी है। मेरी भी मुलाकात एक ऐसी ही शख्सियत से …
Read more »घर में शादी का माहौल था । आंगन में लगन बंधाने की रश्म की तैयारी चल रही थी । तीन दिन बाद सरला की शादी थी । लड़का-सी आर पी एफ का जवान था । दो माह पहले …
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