मत्स्य पुराण में प्रकृति की महत्ता बताते हुए कहा गया है " सौ पुत्र एक वृक्ष के समान है"।अथर्ववेद में भी प्रकृति संरक्षण का सुंदर वर्णन कि…
Read more »अतीत वर्तमान से हमेशा अच्छा लगने वाला हुआ करता है, अक्सर लोग ऐसा कहा करते हैं। यही कारण है कि अपने वर्तमान में कितना भी सुखी एवं समृद्ध होने पर भी व्…
Read more »हिंदी साहित्य में आज यह स्थिति है कि स्वतः कोई पाठक आपकी रचनाएं नहीं पढ़ता। उन्हें पढ़वाने के लिए आपको स्वयं प्रयास करना पड़ता है। लिखने से लेकर छपवा…
Read more »“ जीवन एक सतत् चलने वाली अनुभूतिपरक प्रक्रिया है जो विभिन्न घटनाक्रमों में नवीनतम सीख को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करती है और शिक्ष…
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