तुम्हारे सपने... , मेरे तकीय की बगल में , रातभर खेलते रहते हैं। मैं बार-बार , उन्हें सुलाता हूँ ; वे भागते हैं , और मुझे भी सोने नहीं देते है…
Read more »कुछ सपने खरीद लिये मैंने l नींद बेचकर रातों की ll पूरा करने की, जिद में उन्हें l कुर्बानी दी जज्बातों की ll …
Read more »नया वर्ष कुछ ऐसा आवै। सुंदर,सरस,सौम्य वाणी, मन को पुलकित कर जावै। रूप सदा निष्कपट रूप में, अपना रूप दिखावै॥ नया व…
Read more »नूतन वर्ष की शुभ नव बेला में खुशियों की चादर में लिपटकर, नभ के तारों की शीतल चाँदनी आशाओं के दीपक जलाएं सब। खग कलरव झरनों की झर-झर …
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