अक्सर मैं अपनी जिंदगी से उदास हो जाता हूँ। खुदगर्जियों से परेशान हो जाता हूँ। तलाशता हूँ जीने की थोड़ी सी ख़ुशियाँ। न जाने क्या से क्या उठते हैं विचा…
Read more »- १- धैर्य नही रख पाये यदि तो , शान्ति नही आ पाएगी। मुख से निकली सुर-वाणी भी , अर्थ हीन हो जाएगी…
Read more »जो मिल गई, वो मोहब्बत कैसी । जिसे पा लिया, वो महबूब कैसा । मोहब्बत में ना हो कसक ना हो दर्द ,ना हो जुदाई । वो मोहब्बत कैसे कहलाई ! मोहब्बत के बद…
Read more »तुम्हारे सपने... , मेरे तकीय की बगल में , रातभर खेलते रहते हैं। मैं बार-बार , उन्हें सुलाता हूँ ; वे भागते हैं , और मुझे भी सोने नहीं देते है…
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