वाहक संस्कृति की बने ,है भारत की शान । बना राज भाषा इसे ,बढ़े देश का मान ।। सरकार तर्क दे रही , कठिन बहुत हैं शब्द । देवनागरी लिपि लिखो ,हो …
Read more »नींद नहीं है इन रातों में, करती छुपम–छुपाई है। चाँद रोशनी की मिली झलक , है खिड़की पर दुबके से, टिम–टिम करते इन तारों क…
Read more »उसको अपनी कहानी बता न सका उस पे हक भी अपना जता न सका जब उसने बताया मुझे कुछ जरा मैं उसके कहे को पचा न सका बूंद ऐसी गिरी लचीली शाख से उसकी शोख…
Read more »करू–करू लोगन के बोली, मोला अब्बड़ रोवाथे। कच्चा लकड़ी कस गुँगवावत, अंतस के पीरा सहिथँँव, बैरी होगे ये दुनिया हर, …
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