साथ हम भी जमाने के चलते रहे वक्त का कुछ ना एहसास हमको हुआ जिंदगी का मुझे किसने पैगाम दी कौन देता रहा हर तरह बद्दुआ। किसके आमद से हम खौफ खाते रहे …
Read more »वाहक संस्कृति की बने ,है भारत की शान । बना राज भाषा इसे ,बढ़े देश का मान ।। सरकार तर्क दे रही , कठिन बहुत हैं शब्द । देवनागरी लिपि लिखो ,हो …
Read more »नींद नहीं है इन रातों में, करती छुपम–छुपाई है। चाँद रोशनी की मिली झलक , है खिड़की पर दुबके से, टिम–टिम करते इन तारों क…
Read more »उसको अपनी कहानी बता न सका उस पे हक भी अपना जता न सका जब उसने बताया मुझे कुछ जरा मैं उसके कहे को पचा न सका बूंद ऐसी गिरी लचीली शाख से उसकी शोख…
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