“सिया राम मय सब जग जानी : करहु प्रणाम जोरी जुग पानी ” “ भारतीयता की पृष्ठभूमि में भारतीय आत्मा द्वारा – “ सर्व धर्म समभाव... ” के उद्घोष को विरा…
Read more »या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। देवी आराधना सांसारिक जीवन की नितांत आवश्यकता है। देवी, शक्ति व भक्ति …
Read more »अवसाद.. एक मानसिक अवस्था, जो रीतेपन का एहसास कराती है.. शायद शून्य में खो जाना ही अवसाद है। जहां सबकुछ बेमानी लगने लगे। सारे सांसारिक आकर्षण फीक…
Read more »मां और मातृभूमि दो ऐसे संबंधात्मक शब्द हैं जिनका नाम लेते ही श्रद्धा और आदर से सिर झुक जाता है, इनका जितना वंदन तथा अभिनंदन किया जाए वह कम है। म…
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