खुशनसीब हूं, बाप बना हूं, मैं बेटी का बाप हूं, देख उसे मैं खुश हूं! नन्हें पग वह चलती थी, घर - आंगन में खुशियां थी, घांघरिया कम पैसों की, लाता ऊ…
Read more »वह सांवली लड़की, दुबली पतली कृषकाय, कभी नहीं रही, मेरे कैनवास में , जीवन के डोमेन में। वह रोज मेरे दिल में आती, अपना काम निपटा कर चली जाती। द…
Read more »अक्सर कहते मुलाकात होगी , वह मुलाक़ात अभी हुई ही नहीं। हर दिन होते , रातें होती , वादे होते , लेकिन , लेकिन कभी मुलाकाते न होती। कल भी कि…
Read more »उसके छठवें जन्मदिन पर उसके पिता जी ने शहर के नामी-गिरामी अंग्रेजी स्कूल में पहली कक्षा में उसका नामकरण कराया. उसी दिन गांव के एक बड़े प्लॉट में पच…
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