कुछ दिन पहले मैं टैक्सी के द्वारा दिल्ली से बाहर जा रही थी। मैंने आने-जाने की टैक्सी की थी। टैक्सी में ड्राइवर ने राधा रानी के भजन लगा दिए और मुझसे स…
Read more »सूर्यदेव अपने पूरे चरम पर हैं, बचाव कार्य भी ज़ोरों पर है …इसी बचाव कार्य के तहत मैं अलमारी से सूती दुपट्टा निकाल रही थी ,कि रूम हीटर के सिसकने की आव…
Read more »“गर्मी वो चीज है जो हर किसी को नंगा करने को मजबूर है| अफसरों की खाली योजनाओं की पोल, चुनावी वादों की पोल सभी तो ! वैसे इस गर्मी का सूरज अकेला ही जिम्…
Read more »न जाने किसने क्या सोच कर कहा होगा “घर की मुर्गी दाल बराबर” …… क्योंकि जिसे न मुर्गी पसंद है न दाल, अर्थात मुझ जैसा कोई शुद्ध सात्विक शाकाहारी उसे वैस…
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