ये तुझे क्या हो गया मेरे दोस्त क्या मुझसे तू खफा हो गया मेरे दोस्त दुनिया बुरी है तो रहने दे तू क्यों बुरा हो गया मेरे दोस्त एक सपना जो हम …
Read more »कुछ भी ना कहे मुख से फिर भी सब समझ जाते है मित्र ही तो वह बन्धन है जहां बेस्वार्थ रिश्ते निभाए जाते हैं नही मानते तुम गर तो तु…
Read more »बेज़ान हो गया वो , कभी जो था हरा भरा। एक पत्ता टूटा पेड़ से , और ज़मीं पर जा गिरा।। एक अरसे से , शोभायमान था जो शाख पर। …
Read more »शहरीकरण की दौड़ में, बहुत आगे निकल गए हम... पीछे छूट गए हैं, अब तो सारे गाँव हमारे! नित नए अविष्कार पर... जश्न मना रहे हैं हम लेकिन, सुबक रहे हैं देख…
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