अंधकार पर जीत हित, जलते दीप सगर्व। देता जय - संदेश शुभ, दीपावलि का पर्व। 'तमसो मा ज्योतिर्गमय', सारस्वत युग - धर्म। सद्प्रवत्तियों से जु…
Read more »जगती तल पर प्राणी जो, आया खेलने खेल, देख तमाशा कैसा है, कर्म-भोग का मेल। कर्म-भोग का मेल, ना बाधा डालो उस में, करने दो,भरने दो, जो बोया है जिस …
Read more »बैठा है दुशासन डगर डगर पर इतने कृष्ण कहां से आयेंगे सुनो नारियों खुद ही अपना चीर संभालो हम खुद ही अपनी लाज बचायेंगे कोमलता का यह समय नही अब श्रृंगार …
Read more »अम्बर होता, अचला होती, शिव की नगरी काशी होती| पर जान मृत्यु ना आएगी, कुढ़ता नर की विषता होती|| यदि मृत्यु न होती| संतोषी वृति विलीन होती, विद्रोही…
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