दिल को मेरे तोड़कर चला गया है कोई दर्द गहरा दे गया है कोई। प्यार में हमें अपने बदनाम कर गया है कोई। जिनको हम अपना हम समझते थे अपना नहीं रहा कोई।…
Read more »बाधाएँ कितनी भी आएँ, सबको ही मैं पार करूँगी। हिंदी में ही कार्य करूँगी, हिंदी का उद्धार करूँगी।। हिंदी बन जाए राष्ट्र भाषा, सबकी है यही अभिलाषा। …
Read more »कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें यूं निभाता रहा। खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता रहा।। आंसुओं की बूंदें, दिल में कहीं दबी रहीं। दुनियां के सा…
Read more »चलना है विश्राम नहीं है । रुकना हमारा काम नहीं है।। हार मान कर झुकना नहीं है। आंधी तूफानों से डरना नहीं है।। बार-बार गिर कर हमें उठना है। सफल ह…
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