हे पाखण्ड-खण्डिनी कविते! तापिक राग जगा दे तू। सारा कलुष सोख ले सूरज, ऐसी आग लगा दे तू।। कविता सुनने आने वाले, हर श्रोता का वन्दन है। लेकिन उससे पहले …
Read more »स्नेह का विनिमय बड़ा विचित्र प्रेम की व्याख्या यहां सचित्र। दो पृथक- पृथक लघु बालरूप सभी में ईश्वर अंश अकूत । देखते लुप्त हुए अवसाद। हृदय का भोज्य…
Read more »मैं भी मरूंगा, वह भी मरेगा, सब कोई मरेगा, कोई नहीं बचेगा! ऐसा सुनते - सुनते, कान पक गए, सुबह से रात हो गई, रात से सुबह हो गई! दिन सप्ताह बीते, महीने …
Read more »माँ का दुलार हो सर पर पिता का साया हो तो बड़ा मजा आता है। भाई बहन में प्यार हो थोड़ा तकरार भी हो तो बड़ा मजा आता है। नाते रिश्तेदार हो उनका आन…
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