जला दिए पंख उसके, कुचल दिया सपनों को। क्या खुश हो गया तू, रुला उसके अपनों को। वो तो चली गई, क्या तू खुश रह पाएगा? तोड़कर एक आशियाना…
Read more »वो बचपन के दिनों की मधुर स्मृतियां हृदय में आजभी स्पंदन करती झलकियां आंगन को गोबर सेस्वच्छ करती मां हमारी याद आती है वो कच्चे घरों की दमदार द…
Read more »हिंदू कहते मुस्लिम हूं मैं मुस्लिम कहते हिंदू हूं मैं धर्म की रस्साकसी में बारंबार लोग पुछते कौन हूं मैं। कभी मंदिर जाकर चंदन टीका लगात…
Read more »
Social Plugin