सफ्हा -ए - हस्ती, इंसान की बस्ती वुजूद ना बचता, जो न होती मस्ती। मिरी सन - ए विलादत, अहम नहीं अहम की बात है, जिंदगी ही मस्ती। चौकोर सेहन था, मिरी च…
Read more »देखो देखो भारत ने रच दिया फिर एक नया इतिहास , बड़ी कठिनाइयों के बाद चांद पर पहुंच गया चंद्रयान। चांद को सुना करते थे हम कविता कहानियों में , …
Read more »दीपावली पर्व खुशिओं का , आओ इसे मनायें । घर की सभी मुंडीरों पर , माटी के दिये जलायें।। जगमग-जगमग हो सारा जग , प्रेम-लहर बन झूमें। प्रीति करें म…
Read more »पति की खातिर जल्दी उठकर, सुबह सवेरे चाय बनाती। लगी रहे घर के कामों में, घर की हर उलझन सुलझाती। चौका कपड़े झाड़ू पोंछा, काम सभी घर के निपटाती। साथ…
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