दिल्ली। गांधी मातृभाषाओं के समर्थक थे। वे मातृभाषाओं को औपनिवेशिकता से लड़ाई का महत्त्वपूर्ण प्रतीक मानते थे। गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक …
Read more »नीम, कुरकुमालौंगा, लहसुन, अदरक, अंगूर, मेथी, करेला, अनार, शतावरी, मुंगना (सहजन), उलटकंबल, श्योनाक इत्यादि अनेक ऐसे पौधे हैं जिनके सेवन से र…
Read more »"अरे रूमा, तुम्हारे हाथों पर ये आज फिर नीले निशान। आज भी" मैंने भोजनमाता से पूछा।" मैडम जी म्हारे तो भाग में लिखें ये चोट के निशान।&qu…
Read more »कई दिनों से युवा वृक्ष की आम दिनों की भांति व्यवहारिकता को सामान्य न देखकर प्रौढ़ वृक्ष ने युवा वृक्ष से पूछा, क्या बात है प्रियवर, मैं देख रहा हूं ब…
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