एक राग सी तुम हो
एक ख्वाब सी तुम हो
सावन के बारिश की
पहली बरसात सी तुम हो
भीग जाऊं मैं तेरी चाहत में
ऐसी ख्वाहिश सी तुम हो
हर जगह बस तुम हो
हर सांस में तुम हो
हर बात में तुम हो
हर साज में तुम हो
हर राज में तुम हो
मेरी चाहत भी तुम हो
मेरी धड़कन भी तुम हो
अब तो बस यही कहना था
कि मेरी जिंदगी ही तुम हो
कीर्ति सिंह
अध्यापिका (बेसिक शिक्षा विभाग )
इटावा (उत्तर प्रदेश)
On Sat, Jul 24, 2021, 5:43 PM अरुणिता हिन्दी पत्रिका <editor.arunita@gmail.com> wrote:
इसी ईमेल पते पर भेज दीजिये
सम्पादक
'अरुणिता'
त्रैमासिक हिन्दी पत्रिका
शनि, 24 जुल॰ 2021 को 9:44 am बजे को keerti singh <keertisingh65@gmail.com> ने लिखा:
आपकी पत्रिका में प्रकाशन हेतु रचना किस प्रकार भेजी जा सकती?
कीर्ति सिंह
इटावा