औरतें

अरुणिता
द्वारा -
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रो देती हैं

जब औरतें

पिघलकर बह जाता है

सारा दुःख

लावा की तरह

धरती की गोद में

बिलख पड़ता है

बारिश के रूप में बादल

एक पिता की तरह!

कुमार पवन कुमार ‘पवन’

असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग

 कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान 

सुलतानपुर, (उ० प्र०)

 

 

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