के तुम मेरे पास आओगे।
और मुझसे नजरें चुराकर,
बात दिल का कह जाओगे।।
पकड़ के हाँथ तुम वो मेरा,
मन से थोड़ा सहम जाओगे।
देकर मुझे कलम प्यार का,
दिल को मेरे नाम कर आओगे।।
लगा रोग हमको नये प्यार का,
अब दिल कही न लगा पाओगें।
रहु इस धरा पर जितने दिन भी,
उम्र भर साथ यू तुम निभा जाओगें।।
मिल गए गर हम दोनों यहाँ,
आज से एक ही पुकारे जायेंगे।
नाम हरगिज अलग है दोनो का,
पर एस पी नाम से जाने जायेंगे।।
मुझे प्यार है पगली सदा तुझसे ,
लिख के प्यार तुझको गायेंगे।
लोग सुन के हमारे प्यार का नाम,
थोड़ा थोड़ा रोज गुन गुनायेंगे।।
सोमेश देवांगन
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -कबीरधाम(छ.ग.)