पहला प्यार

अरुणिता
द्वारा -
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वो पहला प्यार

ऑंखों में खुमार ।

बस ! एक झलक पाने को

तरसती निगाहें

धड़कता दिल...

 

गुलाबी गाल

होंठ सुर्ख लाल ।

मीठी मुस्कान

मेरी गीत, गजल, कविता

मेरे सपनों का संसार...

 

वो मेरा प्यार

वो पहला प्यार ।

सात जनम संग जीने मरने की ख्वाहिश

बार-बार उसकी गली से गुजरना

ठंडी आहें भरना...

 

किताबों में छिपाई तसवीर

लगने लगा बदल गई तकदीर ।

पास से उनका गुजरना

इत्र का बरसना

जन्नत सा एहसास...

 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

रिहावली, डाक घर तारौली गुर्जर,

 फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश

 

 

 

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