कभी ख़ामोश रहती है
कभी उफन जाती है
जिंदगी एक संघर्ष है
कभी शांत है कितनी
कभी तूफानों से भरी हुई
जिंदगी रेत है
बंद मुट्ठी से फिसल जाती
कभी बन जाती चट्टान है
जिंदगी समय है
कभी सुनहरी सुबह
तो कभी धुंधली शाम है
जिंदगी शतरंज है
जीत है कहीं इसमें
कहीं पर मिलती हार है
जिंदगी प्यास है
बुझती नहीं कभी भी
और पाने की चाहत है
जिंदगी दर्द है
कोई पी जाता इसे हंसकर
किसी की आंखों से छलक जाता
जिंदगी इम्तिहान है
कोई पास हो जाता इसमें
कुछ जिंदगी को खो देता है
जिंदगी प्यार है
कभी खूबसूरत मिलन इसमें
कभी जन्मों तक इन्तजार है
अलका शर्मा
शामली, उत्तर प्रदेश