प्यारी प्यारी मेरी मां
कितनी अच्छी मेरी मां
मां तो मां है
तेरी मां हो या मेरी मां
गौमाता हो या देवी मां
प्रकृति मां हो या धरती मां
, गंगा मां हो या कोशी माँ
दुर्गा माँ या काली माँ
लक्ष्मी माँ सरस्वती माँ
आखिर तू है सब की मां
नाम अलग है तेरी माँ
सब में रूप एक ही है माँ
तुझसे अमूल्य रिश्ता है माँ
ममता-करूणा का फरिश्ता है मां
जिसने कहना सिखलाया माँ
कितना बड़ा पाया सम्मान
माँ शब्द जुबां पर आता है
श्रद्धा सुमन खिल जाता है
हर सीख सिखाती माँ
बचपन की याद दिलाती मां
माँ संतानों का साया है
अपनत्व- ममत्व की छाया है
छोटी जिद भी पूरी करती मां
बच्चों के कबज बनती मां
अनगिनत मन्नते रखती माँ
जीवन भर कष्ट सहती माँ
सारे जहां में सबसे अच्छा मां
केवल तेरी प्यार ही सच्चा मां
माँ मैं करता तेरी गुणगान
कभी न जाए तेरा सम्मान
मां त्याग तपस्या बलिदानों की मूर्ति है
इनका कर्ज चुकाने पर नहीं चुकती माँ
सुधीर यादव
खगडिया, बिहार