एक गोरी, एक काली दोनों गुणकारी,
एक रामा है एक श्यामा नाम वाली,
तुलसी के गुण बहुत ही निराली!
तुलसी औषधि अनेक गुणकारी,
इसका सेवन जो करें नरनारी,
रोगदोष से मुक्त लाभकारी,
तुलसी आँगन की शोभाकारी!
तुलसी जिसके घर में होती,
यम दूतों से है रक्षा करती,
सोते प्राणी के भी साँसों में जो,
इससे टकराती हवा अंदर जाती!
रोग शोक से मुक्त होकर,
दीर्घायु उसकी हो जाती,
तुलसी सभी गुणों की खान,
आँगन में लगाना है लो तुम ठान!
तुलसी, व्यास, शुकदेव, नारद,
ए ऋषि विज्ञान विशारद,
तुलसी के गुण गाते नहीं थकते,
अनुपम रचना है तुलसी, देश भारत!!
सतीश "बब्बा"
सतीश चन्द्र मिश्र
कोबरा, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश