नारी और पुरुष

अरुणिता
द्वारा -
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 नारी और पुरुष की महत्ता जग में एक सामान है

नारी ही अब कर सकती अपने देश का कल्याण है

आदिकाल में ऋषि मुनियों ने ,नारी का मान बढ़ाया

जहाँ नारी सम्मान नहीं ,वहां नरक धाम बतलाया

रामायण में भी सीता जी का कितना गान है गाया

महाभारत में वेदव्यास ने नारी को है आदर्श बताया

ऋष -मुनि भी सब कहते हैं नारी श्रेष्ठ महान है

नारी और पुरुष की महत्ता जग में एक सामान है

पराधीन जब देश हुआ तब नारी थी पतित कहलाई

पतित शब्द मिटाने को तब आई थी लक्ष्मीबाई

भारत माँ की वेदी पर थी उसने जान गंवाई

बड़े- बड़े कवियों ने भी वीरों की थी कीर्ति गई

आजादी के लिए लड़ी वह इसका सबको मान है

नारी और पुरुष की महत्ता जग में एक सामान ह

आजादी मिल जाने पर सोचा था नेताओं ने

बड़ी सोच से मिल कर सारे लगे कानून बनाने

समान अधिकार दिए नारी को और लगे बतलाने

आखिर तो पुरुषों को भी है जन्म दिया नारी ने

नारी ही अब कर सकती अपने देश का कल्याण है

नारी और पुरुष की महत्ता जग में एक सामान है

 


डॉ
0  केवलकृष्ण पाठक

सम्पादक,रवींद्र ज्योति मासिक,343 /19 ,

आनद जवास,गीता कालोनी,जींद

हरियाणा

  

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