मैं फूल हूं खुश्बू चुराना न तू
दूर रहना मेरे पास आना न तू।
मेरी चढ़ती जवानी को देख कर
मेरे पिछे पिछे आना न तू।
मैं तुमसे मोहब्बत करुंगी नहीं
दिल हमसे कभी लगाना न तू।
तुम तो बेवफा हो जानती हूं मैं
मुझको यादों में अपने बसाना न तू।
मुझको हरजाई समझना न कभी
भूल कर दिल में प्यार जगाना न तू।
मैं तो अनजान की अमानत हूं
फिर कभी इस तरफ आना न तू।
बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गल्ला मंडी गोला बाजार
गोरखपुर उ0 प्र