तूने मुझको छुआ कुछ होने लगा।
समझ गया मैं समझ गया
तुमको मुझसे प्यार होने लगा।
तू नादां न बन
कह रहा है मेरा मन।
मुझको तुमसे लगी है लगन
आ कर ठंडा कर दिल की अगन।
आंखों में मेरे नशा छाने लगा है
हाय दिल धक धक करने लगा है.........!
नैनों में काजल लगाना न तू
आंखें मार कर बुलाना न तू।
मैं तेरा दीवाना न बन जाऊं
भूल कर मुझे पास बुलाना न तू।
जवानी का मजा अब आने लगा है
हाय दिल धक धक करने लगा है.......!
मैं जाती हूं घर छोड़ मेरा डगर
हमको जमाने से लगता है डर।
तू बाते न बना मेरा कहा मान जा
तुमको दुल्हन बना कर ले जाऊंगा घर।
तेरी बातें सुन कर मजा आने लगा है
हाय दिल धक धक करने लगा है.........!
हाय दिल धक धक धड़कने लगा है
तूने मुझको छुआ कुछ होने लगा है।
समझ गया मैं समझ गया
तुमको मुझसे प्यार होने लगा है।
बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गल्ला मंडी गोला बाजार
गोरखपुर उ0 प्र0