निराशा ने जन को घेरा
छाया चारों ओर अंधेरा
इक दिन बादल छंट जाएंगे
गीत खुशी के गाएंगे
माना चारों ओर कुहासा
हृदय तल में आज धुआं सा
इक दिन इससे भी उबर जाएंगे
गीत खुशी के गाएंगे
गर्म धूप तपती दुपहरी
मिलती नहीं छाया घनेरी
इक दिन मेघा बरस जाएंगे
गीत खुशी के गाएंगे
विरह वेदना से व्यथित मन
उर में प्रतिपल उद्वेलित अगन
इक दिन मिलन की बरखा में भीग जाएंगे
गीत खुशी के गाएंगे
अन्तर्मन में गहन उदासी
मन की गंगा प्यासी प्यासी
इक दिन खुद सागर बन जाएंगे
गीत खुशी के गाएंगे।।
लेकर सदा सकारात्मक सोच
जीवन पथ पर कदम धरेंगे
हौसला उमंग अनमोल मानव पूंजी से
गीत खुशी के गाएंगे
अलका शर्मा
शामली, उत्तर प्रदेश