आवाज़ उठाना है

अरुणिता
द्वारा -
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 अस्तित्व पे कुठाराघात

अब हुई असहनीय बात

आत्याचारिओं को सबक सीखाना है

आवाज़ उठाना है सखी

आवाज़ उठाना है .

 

समाज में छुपे दरिंदे

आस्तीन में छुपे गुंडे

जिनका रवैया मनमाना है

 आत्याचारिओं को सबक सीखाना है

आवाज़ उठाना है सखी

अब तो आवाज़ उठाना है .

 

हमे भी मिले सद्भवना

हर दुर्वव्हार हर दुर्भावना

आस पास से भागना है

आवाज़ उठाना है सखी

अब तो आवाज़ उठाना है .

 

 

राजीव कुमार

बोकारो स्टील सिटी

झारखण्ड

 

 

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