ज़िन्दगी के अजीब रंग हैं
कभी खुशी कभी गम हैं
ज़िन्दगी कभी रंगों से भरी तो कभी बेरंग है
कभी आँसुओ से धुली तो कभी मुस्कुराहटों से भरी है
कभी धूप है
कभी छाँव है
कभी ज़ख्म कभी आराम है
कभी अंधेरे तो कभी चिरागों सी ज़िन्दगी
सावन के झूलों सी बारिशों सी ज़िन्दगी
गहरे समुन्दर कभी तूफ़ां है ज़िन्दगी
अर्श है तो कभी फर्श सी ज़िन्दगी
सहमी हुई कभी नज़्म गाती ज़िन्दगी
रास है कभी
कभी संगीत है ज़िन्दगी
जैसी भी है सांवरे की अमानत सी ज़िन्दगी
कभी राधा कभी मीरा की पूजा सी ज़िन्दगी
शबनम सागर