ऋतुराज बसन्त है आया ,
संग में बहुत कुछ है लाया !
दिनकर की गुनगुनी धूप ,
मन को लुभाने वाला रूप !
सुवासित औ शीतल हवा ,
लगती है तन-मन को दवा !
फूलों से झुक जाती डाल ,
गुलाबी नीले पीले लाल ।
मधुमक्खी पराग ले जाती ,
बहु उपयोगी शहद बनाती ।
भ्रमर गुन-गुन करते आते ,
सुमन उनको खूब लुभाते !
रंग-बिरंगी तितली अनेक ,
मन खुश होता उनको देख !
बच्चे उन्हें पकड़ने जाते ,
फुर्र से उड़ती पकड़ न पाते !
होली-बसंत के नाते गहरे ,
रंगों से रंगते सबके चेहरे!
लहलहाती खेतों में फसलें ,
जौ-गेंहू-सरसों कई नशलें ।
सजती दुल्हन जैसी धरती ,
हर प्राणी के मनको हरती !
धीरे - धीरे ठण्डक जाती ,
मनको भाती गर्मी आती ।
डॉ० सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
मोथरोवाला , फाइरिंग रेंज (सैनिक कॉलोनी)
लेन नंबर - 3 , फेस - ।।
निकट - महालक्ष्मी हार्डवेयर
देहरादून - 248115 (उत्तराखण्ड )