इश्क में अपने आँसू बहा कर तो देखो
महबूब को दिल में बसा कर तो देखो।
लगने लगेगी खूबसूरत सी दुनिया
चाहत किसी की जगा कर तो देखो।
भूल जाओगे जीवन की वीरानियों को
हमसफर किसी को बना कर तो देखो।
सूरज की रौशनी भी शीतलता भरेगी
इश्क की चांदनी में नहा कर तो देखो।
महक जाएगी शख्सियत भी तुम्हारी
इत्र -ऐ-इश्क एक बार लगा कर तो देखो।
मुकम्मल सा लगेगा अधूरा सा जीवन
प्रेम की मूरत दिल में बिठा कर तो देखो।
ये पतझड़ सा जीवन वसंती लगने लगेगा
तुम "आशा "की कलियाँ खिला कर तो देखो।।
आशा झा सखी
जबलपुर, मध्यप्रदेश