जिन्हें घुमाया अपने कन्धे ,
हाथ पकड़ जिन्हें खिलाया ।
छोड़ गये ओ सारे बन्दे ,
जिन्हें वदन का दूध पिलाया ।।
कभी नहीं ओ सुध हैं लेते ,
नहीं सोचते होंगे कैसे ?
खोये हैं अपने ही मद में ,
नहीं भेजते रुपये - पैंसे ।।
बनी है चिन्ता कैसे होंगे ,
बूढ़ी ऑंखें तरस रही हैं !
जब भी उनकी याद आती ,
हर मौसम में बरस रही हैं ।।
छोटे - छोटे तब थे जो ,
पोता - पोती याद हैं आते ।
चुन्नू - मुन्नू - शीला - रेखा ,
हमको तो बहुत हैं भाते ।।
यह दुःख कैसे सहन करें ,
किसे सुनायें दिल की गाथा ?
दिल का दर्द छुपाके दिल में ,
पड़े हुये हैं पकड़ कर माथा !!
इस दुःख में हम नहीं अकेले ,
जहाँ भी देखो यही कहानी ।
सभी अकेले बिता रहे दिन ,
दादा - दादी - नाना - नानी ।।
डॉ० सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
मोथरोवाला , फाइरिंग रेंज(सैनिक कॉलोनी)
लेन नंबर - 3 , फेस - ।।
निकट - महालक्ष्मी हार्डवेयर
देहरादून - 248115(उत्तराखण्ड)