फोन पर वार्तालाप करते दो प्रेमी युगल फलक को निहार रहे थे।
प्रेमिका- "देखो ! आज चाँद कितना खूबसूरत लग रहा है। मन कर रहा है निहारते ही रहें।"
प्रेमी- "सच-मुच !.इससे पहले चाँद सुंदर नहीं था ?"
प्रेमिका- "ऐसी बात नहीं है!चाँद हमेशा से ही सुंदर है ! पर आज किसी के करीब होने भर का एहसास उसे और निखार रहा है।"
प्रेमी-"जैसे कि हम-तुम! अपने प्रेम की गरिमा को थामकर एक-दूजे के लिए जीते हैं।
आज चाँद के करीब शुक्र चलकर आया है। फिर न जाने कब ऐसा हो। हम इस दुर्लभ पल को अपनी आँखों से देख रहे हैं तो ये हमारा सौभाग्य है।
प्रेमिका-डरती हूँ ! कल चाँद अकेला रह जाएगा तो प्रेम कम हो जाएगा!प्रेम दर्शाने के लिए निकटता जरुरी है..?
प्रेमी- "निकटता का मोहताज प्रेम नहीं है। यही एक ऐसी चीज है जो ब्रह्मांड में सदियों तक जीवित रहेगी।
ये इंसान तो नाहक ही बवाल मचाते है।
कल को इस बात पर भी लड़ पड़ेगें कि 'चाँद किसका है ' तो कोई अचरज की बात नहीं।"
सपना चन्द्रा
कहलगांव, भागलपुर
बिहार