किसी प्राणी को दुख ना दें हम
किसी का हक़ भी नहीं छीनें हम
किसी को हानि ना पहुँचायें
श्रम से कभी नहीं घबरायें
जो भी करें हो राष्ट्र-हित में
देशप्रेम का भाव जगायें
शत्रु जो करें वार देश पर
अटूट वार कर मार भगायें
भारत माँ की रक्षा हेतु
तन-मन-धन देकर हर्षायें
भूखा नंगा रहे ना कोई
सबके सब ख़ुशहाल हो जायें
प्रेम से सबके मन को जीतें
सत्य प्रेम करुणा अपनायें
ऊँचा नाम करें भारत का
भारतवासी एक हो जायें
डॉ० केवलकृष्ण पाठक
सम्पादक “रवीन्द्र ज्योति” मासिक पत्रिका,
आनन्द निवास, गीता कालोनी,
जींद ( हरियाणा)१२६१०२