धरती के भगवान सदृश ,इतने अच्छे इंसान हैं
पालनकर्ता सकल विश्व के मेरे पिता किसान हैं
रोजसवेरे तड़के उठकर,खेतों में वे जावें,
माता के संग सानी देकर गैया दूध दुहावें।
ताजा दूध मुझे पिलाकर रखते कितना ध्यान हैं
पालनकर्ता______________________।।1।।
श्रम के निष्ठावान सदा वे ,मेहनत के हैं आदी,
गीता कर्म ज्ञान के दाता,फल के न फरियादी।
धरती चीर उगाते सोना,वे इतने बलवान हैं।
पालनकर्ता______________________।।2।।
बड़े प्यार से गाय चराते, फसलें खूब रखाते ।
सदा प्रेम की बात बताते सदा ही हँसते गाते।
सुन्दर फसल देख कर करते ईश्वर का गुणगान हैं।
पालनकर्ता______________________।।3।।
पढ़े नहीं, फिर भी शिक्षित हैं,तभी मुझे गढ़ पाएं हैं।
आसमान को छू लो प्यारे, सदा यही सिखलाए हैं।
भूलों को विसराया है,खूबी का किया बखान हैं।
पालनकर्ता______________________।।4।।
मुझे सीख देने को ही वे गुस्सा भी करते थे।
मुझे डांटते संग में माता जी से भी लड़ते थे।
सुख का अमृत हमें पिलाकर करते दुख का पान है।
पालनकर्ता______________________।।5।।
अपनी सारी सन्तानो को किया बराबर प्यार।
हमें खिलाया भूखा रहकर,है कितने दिलदार।
शब्द नहीं कैसे गाऊँ ,आप गुणों की खान हैं।
पालनकर्ता______________________।।6।।
कभी अभावों और दुःखों की करते वे परवाह नहीं,
आगे बढते जाते हरदम कांटो की परवाह नहीं। इच्छा एक यही है मेरीकर लूं सेवाऔर
सम्मान।
पालनकर्ता______________________।।7।।
भगवत पटेल ‘मुल्क मंजरी’
उप शिक्षा निदेशक
सम्रग शिक्षा अभियान
माध्यमिक शिक्षा विभाग
लखनऊ, उत्तरप्रदेश सरकार
आवासीय पता
2-C/95,वृन्दावन कालोनी ,
रायबरेली रोड लखनऊ
उत्तर प्रदेश