मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहकर वह कितने ही लोगों से मिलता है और बहुत से लोगों से बिछड़ता भी है। मेरी भी मुलाकात एक ऐसी ही शख्सियत से हुई जिसके सत्यम् शिवम् सुन्दरम् से ओतप्रोत व्यक्तित्व ने मेरे मन पर अमिट छाप छोड़ी।
मैं और किसी की नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के शामली जिले की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कु· कोमल जी के विषय में बात कर रही हूँ। पाठकों, आज मैं आप सभी को बी.एस.ए कु. कोमल जी के असीम प्रेरणादायक जीवन से परिचय करवाती हूँ।
माँ भारती के पुनीत मंदिरांगन में पतित पावनी गंगा सदृश जल- बिन्दु रूप में, मकरन्द पूरित भाव मण्डित जनमानस को अनुप्राणित करके, सुवासित कमनीय कमल की भाँति कु कोमल जी का जन्म सन् 1993 में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ। इनके पिता श्री जितेन्द्र सांगवान और माता श्रीमती सुमन सांगवान जी हैं। बचपन से ही कु· कोमल पढ़ने में रुचि रखती थीं। 'होनहार बिरवान के होत चीकने पात' इस कहावत का आशय यह है कि वीर, ज्ञानी और गुणी व्यक्ति की झलक उसके बचपन से ही दिखाई देने लगती है। कोमल जी की पढ़ाई में रुचि देखकर इनके माता-पिता ने लड़का-लड़की में भेद- भाव न रखकर समानता का व्यवहार रखा। लड़की भी लड़के के समान अधिकार रखती है, ऐसे इन के माता- पिता का मानना रहा है। उन्होंने कोमल जी को पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
कोमल जी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बागपत से ही की। हाईस्कूल एवम् इण्टरमीडिएट बागपत में रहकर ही उत्तीर्ण की। इन्होंने स्नातक की परीक्षा विज्ञान वर्ग से सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज से उत्तीर्ण की। पढ़ाई के साथ-साथ कोमल स्पोर्ट्स एक्टिविटी में एथीलिट में प्रतिभाग किया करती थीं। सकारात्मक सोच धारण करके इन्होंने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ से स्नात्तकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की । ये एम.एस.सी, रसायन विज्ञान में यूनिवर्सिटी टॉपर रहीं व माननीय राज्यपाल द्वारा इन्हें स्वर्ण पदक(गोल्ड मेडल) से सम्मानित किया गया। माता-पिता का सकारात्मक समर्थन प्राप्त कोमल जी ने सिविल सर्विस की तैयारी आरम्भ की। सन् 2018 में पी.सी.एस की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर इनका खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर चयन हुआ परन्तु इन्होंने ज्वाइन नहीं किया। अपने उत्साह और परिश्रम को बरकरार रखा। इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद इनका क्षेत्रीय वन अधिकारी के पद पर चयन हुआ परन्तु वहाँ भी ज्वाइन नहीं किया। सन् २०२० पी०सी०एस० की परीक्षा उत्तीर्ण कर इनका चयन मेरठ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर हुआ। यह इनकी प्रथम नियुक्ति थी। जहां इन्होंने मण्डलीय मनोविज्ञान के कर्तव्यों का निर्वहन किया ।
कहा भी गया है- "जितने कष्ट-कण्टकों में जिनका जीवन- सुमन खिला। गौरव-गन्ध उन्हें उतना ही यत्र-तत्र - सर्वत्र मिला।। " बचपन से ही इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अनेक पुरस्कार मिले। मेधावी एवम् कुशाग्र बुद्धि प्राप्त कोमल जी की शामली जिले में मार्च 2023 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई है। सभी को समानता का अधिकार इनके जीवन का परम लक्ष्य है। विद्यार्थी - काल से अब तक जीवन में कोमल जी के मित्रों तथा शिक्षकों का सकारात्मक समर्थन प्राप्त रहा। ये शिक्षा के क्षेत्र में दिन-रात अथक प्रयास कर रही हैं। कैसी भी समस्या हो, उसका ये डटकर सामना कर सकारात्मक हल निकालने में विश्वास रखती हैं। हर चुनौती को सहर्ष स्वीकार करती हैं। पढ़ाई के साथ-साथ कोमल प्रकृति-प्रेमी भी हैं। इनका मानना है कि प्रकृति हमें अनुशासन में रहना सिखाती है एवम् मानसिक शान्ति प्रदान करती है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, शामली, के पद पर आसीन कु. कोमल जी का कहना है कि वे चाहती हैं कि सरकारी विद्यालय शिक्षा में निजी (प्राइवेट) विद्यालयों को टक्कर दें। हमारे सरकारी स्कूलों में एडमिशन ज्यादा से ज्यादा हों। बेसिक शिक्षा की छवि सुधरे। उनका यह भी कहना है कि शिक्षक सकारात्मक विचारों को धारण कर पूर्ण ईमानदारी के साथ बच्चों को पढ़ाएँ। तभी अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित समझ सकेंगे। कोमल जी के इस जज्बे को मेरा सलाम है। जैसा नाम है कोमल,वैसा ही इनका आचरण एवम् व्यवहार कोमल है। वाकई कोमल जी शामली जिले की दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। वे उस ध्रुव तारे की भाँति हैं जो भटके हुए को सही दिशा प्रदान करता है।'सादा जीवन उच्च विचार'- कोमल जी के जीवन का ध्येय है। वे पूर्णतया भारतमाता की गरिमा से मण्डित हैं। हम सभी धन्य हैं कि हम कोमल जी के सान्निध्य में रहकर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। निस्संदेह शामली जिला ऐसी अधिकारी को पाकर सफलता का परचम लहराएगा।
रुचि शर्मा
काँधला, शामली
उत्तर प्रदेश