बारिश

अरुणिता
द्वारा -
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बारिश की बौछार से जब धरा पर पड़ती है

गर्मी की तपन से सबको राहत मिलती है

सूखी हुई फसल को अमृत सा मिल जाता है

यह देखकर कृषक गदगद हो जाता है

मुरझायी हरियाली को जैसे सिंगार मिल जाता है

बारिश की बौछार से मन प्रसन्न हो जाता है

खिले खिले वन उपवन महकने लगते है

छोटी छोटी कपोलों से फूल खिलने लगते है

बादल गरजते मोर भी नृत्य करने लगता है

झम झम नाचते सभी जंगल में रौनक लगती है

गर्मी से सबकी राहत मिलती सभी को मिलती है

मिट्टी से आती सोधी खुशुबू से मन खिल जाता है

 

पूनम गुप्ता

भोपाल

मध्यप्रदेश

 


 

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