Ads Section

नवीनतम

10/recent/ticker-posts

हिन्दी मेरी भाषा

 

निज भाषा अपनाओ मातृभूमि गीत गाओ ।

हिन्दी के विकास के प्रयास का आव्हान है ।।

यशगान करो भारत माता के वैभव का ।

हिन्दी राष्ट्र की भाषा है हिन्दी स्वाभिमान है ।।

बृज और अवधि की अविरल धारा है ये ।

संस्कृत है जननी ये उर्दू का सम्मान है ।।

गायक में देश राग का ये मेरा परिचय ।

हिन्दी मेरी भाषा और देश हिंदुस्तान है ।।

तुलसी, कबीर, सूर, ग़ालिब की धरती ये ।

इस धरती पे गीता, मानस का ज्ञान है ।।

महावीर, गौतम की वाणी का प्रभाव यहाँ ।

प्राकृत व पाली का अमूल्य वरदान है ।।

कश्मीर से निकोबार तक हिन्दी का राग हो ।

कुहू-कुहू गा रही ये कोयल की तान है ।।

मुझको सदा ही अभिमान इस बात का है ।

हिन्दी मेरी भाषा और देश हिंदुस्तान है ।।

सारी दुनियाँ के मानचित्र पे हिन्दी भाषा है ।

हर एक देश में अब हिन्दी का मान है ।।

यूएनओ में हिन्दी के प्रभाव के ही भाव है ।

सुबह ये है हिन्दी की नहीं अवसान है ।।

सभ्यता और संस्कृति पावन है दुनियाँ में ।

इस बात का तो सारे देश को गुमान है ।।

जन्म लूँ हज़ार बार किन्तु बार-बार यहीं ।

हिन्दी मेरी भाषा और देश हिंदुस्तान है ।।

 


यशवंत चौहान

5/242, गुरुराजेंद्र कॉलोनी

राजगढ़, जिला - धार, मध्यप्रदेश