वाहक संस्कृति की बने ,है भारत की शान ।
बना राज भाषा इसे ,बढ़े देश का मान ।।
सरकार तर्क दे रही , कठिन बहुत हैं शब्द ।
देवनागरी लिपि लिखो ,हो विवेचना बंद ।।
उपयोग केंद्र में अगर ,हिंदी का हो आज ।
सम्मान बढ़ेगा तभी ,करो प्रथम यह काज ।।
हैं हम स्वतंत्र देश में ,नही हैं अब ग़ुलाम ।
क्यूँ अंग्रेज़ी बोलते , करो न ऐसे काम ।।
राष्ट्र एकता के लिए , मिलकर करें प्रयास ।
भारत विश्व गुरु बने ,बंधेगी तब आस ।।
संगम मीठे बोल का ,करे सबको प्यार ।
हिंदी भाषा का यही ,है अनुपम उपहार ।।
हिंदी का समर्थन करो ,तभी बढ़ेगी शान।
पूर्ण राज भाषा बने ,ये भारत अभिमान ।।
हमारा कर्तव्य यही , हिंदी करें प्रयोग ।
सम्मान बढ़ेगा तभी ,सभी करे उपयोग ।।
हिंदी भाषा समृद्ध है ,रचा श्रेष्ठ साहित्य ।
ज्ञानदा वत्सों ने भरा ,है शुचिता लालित्य ।।
सावित्री
शर्मा” सवि “
३७/३, इनकम टेक्स लेन
सुभाष रोड , देहरादून
उत्तराखंड- 248001