हिंदी भाषा पर दोहे

अरुणिता
द्वारा -
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वाहक संस्कृति की बने ,है भारत की शान ।

बना राज भाषा इसे ,बढ़े देश का मान ।।



सरकार तर्क दे रही , कठिन बहुत हैं शब्द ।

देवनागरी लिपि लिखो ,हो विवेचना बंद ।।



उपयोग केंद्र में अगर ,हिंदी का हो आज ।

सम्मान बढ़ेगा तभी ,करो प्रथम यह काज ।।



हैं हम स्वतंत्र देश में ,नही हैं अब ग़ुलाम ।

क्यूँ अंग्रेज़ी बोलते , करो न ऐसे काम ।।



राष्ट्र एकता के लिए , मिलकर करें प्रयास ।

भारत विश्व गुरु बने ,बंधेगी तब आस ।।



संगम मीठे बोल का ,करे सबको प्यार ।

हिंदी भाषा का यही ,है अनुपम उपहार ।।



हिंदी का समर्थन करो ,तभी बढ़ेगी शान।

पूर्ण राज भाषा बने ,ये भारत अभिमान ।।



हमारा कर्तव्य यही , हिंदी करें प्रयोग ।

सम्मान बढ़ेगा तभी ,सभी करे उपयोग ।।



हिंदी भाषा समृद्ध है ,रचा श्रेष्ठ साहित्य ।

ज्ञानदा वत्सों ने भरा ,है शुचिता लालित्य ।।


 

सावित्री शर्मा” सवि “

३७/३,  इनकम टेक्स लेन 

सुभाष रोड , देहरादून 

उत्तराखंड- 248001

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