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गलत क्यों है ?


"अरे रूमा, तुम्हारे हाथों पर ये आज फिर नीले निशान। आज भी" मैंने भोजनमाता से पूछा।" मैडम जी म्हारे तो भाग में लिखें ये चोट के निशान।"

रूमा का हर बार की तरह वहीं जवाब।"ऐसा कब तक चलेगा?" मेरा अगला प्रश्न। " मैडम जी आप ही कोई रास्ता बता दो।" रूमा के शरीर पर चोट के निशान उसके शराबी पति के द्वारा दिए होते थे। वह जो कमाता शराब में उडा देता। चार बच्चों और पत्नी की कोई परवाह नहीं। अगर वह शराब पीने से रोकती तो इतना मारता कि चमडी ही उधेड़ डालता।

मैं जब भी उसके बारे में सोचती तो मन रूमा के प्रति हमदर्दी और उसके पति के प्रति वितृष्णा से भर जाता। उसे तीन माह नशामुक्ति केंद्र में भी रखा मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात। समय गुजरता जा रहा था|

एक बार रूमा चार दिन स्कूल नहीं आई तो उसकी चिंता हुई कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया।जब स्कूल आई तो आज पहले से कुछ अलग नजर आ रही थी।अच्छे कपड़े,करीने से कंघी किए हुए बाल। हाथों में नयी चूड़ियां।

" अरे वाह, रूमा। क्या बात है? आज तो बहुत सुंदर लग रही हो।" " जी मैडम जी।" रूमा ने फुसफुसाते हुए कहा।

" मैडम जी, इस बार जब म्हारे पति ने मारने कू डंडा ठाया तो मन्ने हाथ तै छीनके खूब बजाया।शराब ने घणा कमजोर कर रक्खा उसे।म्हारा एक वार भी ना सहन कर सका अर म्हारे पैर पकड़ के माफ़ी मान्गी सो अलग।

" मेरा मुंह विस्मय से खुला रह गया।" अरे एक भारतीय नारी होकर तुमने अपने पति को पीटा।" " मैडम जी मन्ने तो आपको सुणा था अक नारी सशक्तिकरण की बातें जो आप इन लड़कियों को बतारी थी। अपने अधिकार की खातर आवाज उठाणा गलत नाहै। घरेलू हिंसा।"

मीना मंच में नारी सशक्तिकरण पर बताई गई बातों का अपने समक्ष सत्य उदाहरण देखकर मैं आश्चर्यचकित थी। " मैडम जी जब पति पन्द्रह बरस तक रोज पीटे तो कुछ गलत ना। अगर एक बार मन्ने पीट दिया तो गलत हो गया।" रूमा ने आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया।

" मैडम जी अगर यह गलत है तो फिर ग़लत क्यों है???" रूमा के इस सवाल का शायद सटीक जवाब मेरे पास भी नहीं था।



अलका शर्मा
शामली, उत्तर प्रदेश